लेखनी कहानी प्रतियोगिता -16-Nov-2022 रिश्तो की डोर
शीर्षक-रिश्तो की डोर
विषय-तिल का पहाड़ बना देना
एक परिवार था जिसमें रमाकांत नाम का एक बुजुर्ग रहता था। रमाकांत के दो बेटे बहुत थे। बड़े बेटे बहु बहुत ही समझदार थे छोटा बेटा बहुत ही होशियार था और बड़े भाई का लाडला था लेकिन छोटे भाई की बीवी बहुत ही शंकी थी।
छोटी बहू छोटी-छोटी बात पर तिल का पहाड़ बना देती थी।
एक बार रमाकांत जी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई और उस समय छोटा बेटा घर पर नहीं था। रमाकांत ने अपने बड़े बेटे बहु को पास में बुलाया और कहां तुम अपने छोटे भाई से कभी भी अलग मत होना और उसका पूरा ध्यान रखना। इतनी बात कहते हुए रमाकांत जी का देहांत हो जाता है।
रमाकांत जी की मृत्यु के पश्चात छोटी बहू हमेशा छोटी-छोटी बात पर झगड़ा करती रहती थी लेकिन बड़ी बहू बहुत ही समझदार थी छोटी बहू की हर बातों का अनदेखा कर देती थी।
छोटी बहू ने अपने पति से कहा देखो अब मैं सबके साथ नहीं रहना चाहती यह बड़े भाई हमसे सब कुछ छुपाते हैं।
लेकिन छोटा भाई बोला मेरा भाई तो ऐसा नहीं है।
छोटी बहू ने कहा आप नहीं जानते हो यह सब की बहुत ही चालबाजी है।
और दूसरे दिन ही छोटी बहू ने बंटवारे की बात कर दी। इस बात से बड़ा भाई बहुत परेशान हुआ। उसने कहा हम सब एक साथ रहेंगे और पापा का व्यापार आगे बढ़ाएंगे तुम बंटवारे की बात क्यों करते हो।
बड़ी बहू ने भी छोटी बहू को बहुत समझाया। लेकिन छोटी बहू को कुछ भी नहीं सुनना था।
थोड़ी देर में बड़े भैया ने सोच कर अपने छोटे भाई से कहा तुम अपने पिता से बहुत प्यार करते हो ना अपने पिता की आखिरी इच्छा क्या थी तुम्हें पता है।
मैं बताता हूं पिताजी चाहते थे कि हमारा परिवार एक साथ रहे और मेरी दोनों बहुएं बहन के सम्मान रहे और दोनों भाई मिलकर मेरे व्यापार को बढ़ावा देवे। और मैं भी यही चाहता हूं कि पापा का व्यापार आगे बढ़े और हम सब एक साथ मिलकर रहे और पिताजी का सपना पूरा करें। और भाई तेरी मर्जी।
इस बात से छोटे भाई और छोटी बहू की आंखें खुल जाती हैं।
आंखों में आंसू झलक उठते हैं और कहते हैं भाई भाभी हमें माफ कर दो हम कभी अब बंटवारे की बात नहीं करेंगे और बाबूजी के सपने को आगे बढ़ाएंगे। हम सभी मिलकर मेहनत करेंगे स्नेह की डोर को हमेशा बांधकर रखेंगे और हम अब से अपने रिश्तो में मनमुटाव नहीं आने देंगे समझदारी से हर कार्य करेंगे और इस बात को सुनकर दोनों देवरानी जेठानी मिलकर गले लग जाती हैं और परिवार में खुशियों की लहर उमड़ उठती है।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
कहानी प्रतियोगिता के लिए
Gunjan Kamal
16-Nov-2022 11:10 PM
बेहतरीन लिखा
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